शुक्रवार व्रत के नियम: धन और सुख-समृद्धि के लिए कैसे करें सही पूजा?
शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित होता है, जिन्हें धन और सुख-समृद्धि की देवी माना जाता है।
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शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित होता है, जिन्हें धन और सुख-समृद्धि की देवी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यदि इस दिन विधिपूर्वक व्रत और पूजा की जाए, तो घर में धन-धान्य की कोई कमी नहीं रहती और जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। हालांकि, इस व्रत के दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक है ताकि मां लक्ष्मी प्रसन्न हों और व्रत का पूर्ण फल प्राप्त हो सके। आइए जानते हैं शुक्रवार व्रत के नियम और उनसे जुड़ी खास बातें।
शुक्रवार व्रत कैसे करें?
शुक्रवार व्रत करने के लिए आपको निम्नलिखित विधि अपनानी चाहिए:
- सूर्योदय से पहले उठें: व्रत के दिन सूर्योदय से पहले उठकर घर को साफ-सुथरा करें। कहा जाता है कि स्वच्छ घर में ही मां लक्ष्मी का वास होता है।
- स्नान और संकल्प: स्नान कर स्वच्छ कपड़े पहनें और मां लक्ष्मी के सामने 7, 11 या 21 व्रत रखने का संकल्प लें।
- दिनभर के नियम: व्रत के दौरान नमक का सेवन न करें और केवल फलाहार करें। मन में मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करते रहें।
- शाम की पूजा: सूर्यास्त के बाद पुनः स्नान कर शुद्ध होकर पूजा के लिए बैठें। लाल कपड़ा बिछाकर उस पर मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें। इसके पास मुट्ठीभर चावल रखें और उस पर तांबे के लोटे में जल भरकर रखें।
- मां लक्ष्मी की आरती: पूजा के बाद मां लक्ष्मी की आरती करें और सफेद मिठाई, जैसे खीर या रबड़ी का भोग लगाएं, क्योंकि यह उन्हें अत्यंत प्रिय है।
शुक्रवार व्रत में क्या न करें?
व्रत के दौरान कुछ कार्यों को करने की सख्त मनाही है, क्योंकि ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं:
- आटे का सेवन न करें: आटे की जगह कुट्टू या सिंघाड़े के आटे का उपयोग करें।
- तामसिक भोजन वर्जित है: इस दिन मांसाहार और शराब का सेवन बिल्कुल न करें।
- झगड़ा और अपमान से बचें: इस दिन किसी से लड़ाई-झगड़ा न करें और न ही किसी का अपमान करें।
- चांदी और चीनी का दान न करें: यह शुक्र ग्रह को कमजोर करता है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि की कमी आ सकती है।
- पैसों का लेन-देन न करें: इस दिन पैसों का लेन-देन करने से धन की देवी नाराज हो सकती हैं और आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है।
शुक्रवार व्रत का उद्यापन कैसे करें?
व्रत पूरा करने के बाद उसका उद्यापन करना जरूरी है:
- कन्याओं या सुहागिनों को भोजन: यदि कुंवारी लड़की व्रत कर रही है, तो कन्याओं को भोजन कराएं। यदि विवाहित महिला व्रत कर रही है, तो 7 या 11 सुहागिनों को आमंत्रित करके उन्हें भोजन कराएं।
- भोजन में क्या परोसें?: खीर और नारियल का प्रसाद अवश्य दें।
- उपहार: दक्षिणा में वैभव लक्ष्मी व्रत की पुस्तक, नारियल का टुकड़ा, स्टील के बर्तन में खीर, वस्त्र और कुछ रुपए भेंट करें।
शुक्रवार व्रत के लाभ
- मां लक्ष्मी की कृपा से धन-धान्य में वृद्धि होती है।
- जीवन में सुख और समृद्धि का आगमन होता है।
- सभी तरह के कष्ट और संकट दूर हो जाते हैं।
- मन की शांति और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
शुक्रवार व्रत से जुड़ी मान्यताएं
- ऐसा माना जाता है कि शुक्रवार को व्रत रखने से मां लक्ष्मी घर में स्थायी रूप से वास करती हैं।
- इस दिन सफेद वस्त्र पहनने से शुभ फल मिलता है।
- यदि व्रत के दौरान मन में किसी के प्रति बुराई या द्वेष न रखा जाए, तो व्रत का पूर्ण फल मिलता है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
शुक्रवार व्रत में कौन सा आटा खा सकते हैं?
आप कुट्टू या सिंघाड़े के आटे का सेवन कर सकते हैं।
शुक्रवार व्रत में कौन सा भोग लगाना चाहिए?
मां लक्ष्मी को सफेद मिठाई जैसे खीर या रबड़ी का भोग लगाना चाहिए।
क्या पुरुष भी शुक्रवार व्रत रख सकते हैं?
हां, पुरुष भी वैभव लक्ष्मी व्रत रख सकते हैं।
शुक्रवार को कौन सी चीजों का दान नहीं करना चाहिए?
चांदी और चीनी का दान शुक्रवार को नहीं करना चाहिए।
क्या शुक्रवार व्रत में नमक खा सकते हैं?
नहीं, इस व्रत में नमक का सेवन वर्जित है।
शुक्रवार व्रत मां लक्ष्मी की कृपा पाने का एक सशक्त साधन है। यदि इस व्रत को विधिपूर्वक और श्रद्धा से किया जाए, तो यह जीवन में सुख-समृद्धि, धन और शांति लाता है। लेकिन, व्रत के दौरान बताई गई सावधानियों का पालन अवश्य करें ताकि आपको व्रत का पूरा लाभ मिल सके।