उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में Kedarnath धाम यात्रा के दौरान एक दर्दनाक हादसा हुआ। बुधवार को दो मजदूरों की भूस्खलन में दबकर मौत हो गई। दोनों मजदूर डोली पर एक महिला यात्री को लेकर जा रहे थे। हादसा जंगल चट्टी क्षेत्र के पास सुबह लगभग 11:20 बजे हुआ।
कैसे हुआ हादसा?
पुलिस के अनुसार, जंगल चट्टी नाले के पास अचानक भूस्खलन हो गया। पहाड़ी से अचानक मलबा और पत्थर गिरने लगे। उस समय वहां कई यात्री और डोली (जिसे स्थानीय भाषा में डांडी या कांडी कहते हैं) पर सवार यात्री मौजूद थे।
रुद्रप्रयाग पुलिस ने बताया कि सूचना मिलते ही जंगल चट्टी चौकी पर तैनात पुलिस कर्मियों और SDRF (State Disaster Response Force) की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। उन्होंने खाई में गिरे लोगों को निकाला।
कौन थे मृतक?
इस हादसे में जम्मू के डोडा जिले के दो मजदूर – नितिन कुमार और चंद्रशेखर की मौत हो गई। इसके अलावा तीन लोग घायल भी हुए हैं, जिनमें संदीप कुमार और नितिन मनहास (दोनों डोडा से) और आकाश चित्रिया (भावनगर, गुजरात) शामिल हैं।
महिला यात्री को भी आई चोट
SDRF कमांडेंट अर्पण यादववंशी ने बताया कि मजदूर एक महिला तीर्थयात्री को डोली पर लेकर जा रहे थे। भूस्खलन के दौरान सभी खाई में गिर गए। दो मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि महिला को मामूली चोटें आईं। SDRF टीम ने अन्य सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
जंगल चट्टी: भूस्खलन के लिए संवेदनशील इलाका
कमांडेंट यादववंशी ने बताया कि जंगल चट्टी क्षेत्र में अक्सर भूस्खलन होते रहते हैं। पिछले साल भी यहां भूस्खलन के बाद कई यात्रियों को रेस्क्यू करना पड़ा था। साल 2024 में भारी बारिश के कारण गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग का एक हिस्सा भी बह गया था।
यात्रा मार्ग खुला, लेकिन सतर्कता जरूरी
इस हादसे के बाद पुलिस ने बताया कि पूरा यात्रा मार्ग फिलहाल खुला है और यात्रा सुचारू रूप से चल रही है। हालांकि, प्रशासन ने एडवाइजरी जारी कर यात्रियों से सावधानी बरतने की अपील की है।
पुलिस ने कहा है, “यात्री मौसम की जानकारी लेकर ही यात्रा पर निकलें। दोपहर के बाद गौरीकुंड से आगे जाने से बचें क्योंकि रोजाना बारिश हो रही है।”
हाल ही में हुआ था हेलीकॉप्टर हादसा
यह हादसा कुछ दिन पहले हुए हेलीकॉप्टर क्रैश के बाद हुआ है, जिसमें केदारनाथ के पास सात लोगों की मौत हो गई थी। मरने वालों में एक शिशु और पायलट भी शामिल थे।